|| श्रीहरिः ||
आज की शुभतिथि-पंचांग
चैत्र शुक्ल, दशमी, रविवार, वि० स० २०७०
* ईश्वर ज्ञानके सामान कोई ज्ञान नहीं ।
* ईश्वर प्रभाव के सामान कोई प्रभाव नहीं ।
* ईश्वर दर्शन के सामान कोई दर्शन नहीं ।
* महापुरुषों के आचरण से बढ़कर कोई अनुकरणीय आचरण नहीं ।
* भगवद्भावसे बढ़कर कोई भाव नहीं ।
* समता से बढ़कर कोई न्याय नहीं ।
* सत्य के सामान कोई तप नहीं ।
* परमात्मा की प्राप्ति के सामन कोई लाभ नहीं ।
* सत्संग के सामान कोई मित्र नहीं ।
* कुसंग के सामान कोई शत्रु नहीं ।
—श्रद्धेय जयदयाल जी गोयन्दका-सेठजी , सत्संग की कुछ सार बातें पुस्तक से, गीताप्रेस गोरखपुर
नारायण ! नारायण !! नारायण !!! नारायण !!!
नारायण !!!