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श्रीहरिः ।।
आज की शुभतिथि-पंचांग
माघ कृष्ण, प्रतिपदा, शुक्रवार, वि० स० २०७०
आत्मोन्नतिमें सहायक बातें -३-
गत ब्लॉग से आगे... समय बहुत कम है ।
भगवान् पर निर्भर होकर जोरके साथ चलना चाहिये । लाख रूपये खर्च करनेपर भी एक
मिनटका समय भी और नहीं मिल सकता । इसलिये सारा समय भगवान् की प्राप्ति के उपाय में
ही लगाना चाहिये ।
समय बहुत कम रह गया है-ऐसा समझकर घबराये नहीं कि अब
कल्याण कैसे होगा । अबसेलेकर मरणपर्यन्त जो भी समय है, उसमे भगवान् को नहीं भूलना
चाहिये । हर समय भगवान् को पकडे रखना चाहिये । भगवान् को निरन्तर याद रखना ही पकडे
रखना है । भगवान् को पकडे रहोगे तो फिर तुम्हारे कल्याण में कोई शंका नहीं है ।
यमराज की भी सामर्थ्य नहीं, जो तुम्हे नरक में ले जा सके ।
परमात्मा ने हमको बुद्धि-विवेक
दिया है, उसे काम में लाना चाहिये । वही मनुष्य बुद्धिमान है, जो अपने समय का एक क्षण
भी व्यर्थ नहीं बिताता और सारा समय अच्छे-से-अच्छे काम में लगाता है ।
चाहे कोई कैसा भी पापी-से-पापी भी क्यों न हो, उसका भी कल्याण
हो सकता है । केवल शर्त यही है की अबसे लेकर मृत्यु-पर्यन्त भगवान् को भूले
नहीं । भगवान् को हर समय याद रखना ही सबसे बढ़कर उपाय है ।......शेष अगले ब्लॉग में ।
—श्रद्धेयजयदयाल गोयन्दका सेठजी, साधन-कल्पतरु पुस्तक से, गीताप्रेस गोरखपुर
नारायण ! नारायण !! नारायण !!!
नारायण !!! नारायण !!!