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श्रीहरिः ।।
आज की शुभतिथि-पंचांग
28 April 2015, Tuesday
निमित तो बन जाना चाहिए की गौओं के लिए कोई भी सवाल
उठे तो एक स्वर में सबके साथ शामिल हो जाना चाहिए । हिन्दुस्थान
में गौओं का वध नही होना चाहिए । महात्मा गांधी ने जब स्वराज्य नही मिला था, उस समय घोषणा की थी । यह बात पहले उठ चुकी थी की हिन्दुस्तान में गाय कटनी बन्द होनी चाहिए । उन्होंने कहाँ की
‘हिन्दुस्तान में गौ हत्या बन्द होनी चाहिए ।’ का सवाल
उठाना ठीक है, मेरी भी यही इच्छा है की ‘मैं गोहत्या को बन्द कर दूंगा ।’ सम्भव है आज वे यदि जीवित होते तो शायद अपनी कही
हुई बाते याद करके गोहत्या गोहत्या बन्द करते । वे तो है नही, अब किसको कहे ? हिन्दुस्तान में
स्वराज्य पाने का उनका आदेश और उद्देश्य दोनों था, तो स्वराज्य तो मिल गया, उसकी
सिद्धि करने के लिए हम लोगों को चेष्टा करनी चाहिए, हमारे देश में गाय का कटना
एकदम बन्द हो जाय इसके लिए बहुत से उपाय है । पहले तो गायों की वृद्धि का उपाय करना चाहिए और गौ
हत्या बन्द होनी चाहिए ।
भगवान राम के वनवासकाल में राक्षस मनुष्य को मारकर
उनका माँस खा जाते थे, मनुष्यों की हड्डियों को देख कर भगवान् राम की आँखों में
आसू आ गए और उन्होंने भुजा उठाकर यह प्रतिज्ञा की की पृत्वी को राक्षसों से हीन कर
दूंगा और सब आश्रम में जा-जाकर उन्होंने मुनियों को सुख दिया था ।
निसिचर हीन करऊ महि भुज उठाई पन कीन्ह ।
सकल मुनिन्ह के आश्रम्ही जाई जाई सुख दीन्ह ।।......शेष अगले ब्लॉग में ।
—श्रद्धेयजयदयाल
गोयन्दका सेठजी, कल्याण वर्ष ८९, संख्या ०३ से,
गीताप्रेस गोरखपुर
नारायण ! नारायण !! नारायण !!!
नारायण !!! नारायण !!!